भगवान श्रीराम जी कौन है, और धरती पर आकर उन्होंने कौन-कौन से कार्य को किया है, यह बात तो भारतवर्ष का बच्चा बच्चा जानता है। श्रीराम जी भगवान विष्णु के इक्कीसवें अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्र होने की कामना से एक यज्ञ कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम जी का जन्म देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था। इसलिए हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम जयंती या राम नवमी का पर्व मनाया जाता है।
लेकिन भगवान श्रीराम जी का जन्म कब हुआ था? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। अगर देखा जाय तो वेद पुराण इस बारे में कुछ और कहते हैं, वैज्ञानिक कुछ और। वास्तविकता में रामायण पर आधारित शोधानुसार एक नई बात निकलकर सामने आई है। इस शोध के अनुसार 5114 ईसा पूर्व दिनांक: 10 जनवरी को दिन के समय 12.05 पर भगवान श्रीराम जी का जन्म हुआ था। जबकि सैंकड़ों वर्षों से चैत्र मास यानी मार्च के महीने में नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता रहा है। श्रीराम एक ऐतिहासिक महापुरुष थे और इसके पर्याप्त प्रमाण तो सदियों से उपलब्ध हैं।
हालांकि कुछ शोधकर्ता और इतिहास के जानकार यह मानते हैं, कि भगवान श्रीराम जी का जन्म 7323 ईसा पूर्व में हुआ था। जिसे चैत्र मास की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। लेकिन असल में वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं के अनुसार भगवान श्रीराम जी की जन्म दिनांक वाल्मीकि द्वारा बताए गए ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर के अनुसार 4 दिसंबर 7323 ईसा पूर्व अर्थात आज से 9339 वर्ष पूर्व हुआ था।
वाल्मीकि के अनुसार भगवान श्रीराम जी का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि एवं पुनर्वसु नक्षत्र में जब पांच ग्रह अपने उच्च स्थान में थे तब हुआ था। इस प्रकार सूर्य मेष में 10 डिग्री, मंगल मकर में 28 डिग्री, ब्रहस्पति कर्क में 5 डिग्री पर, शुक्र मीन में 27 डिग्री पर एवं शनि तुला राशि में 20 डिग्री पर था।
शोधकर्ता डॉ. पी. वी. वर्तक के अनुसार ऐसी स्थिति 7323 ईसा पूर्व दिसंबर में ही निर्मित हुई थी, लेकिन प्रोफेसर तोबयस के अनुसार जन्म के ग्रहों के विन्यास के आधार पर माने तो भगवान श्री राम जी का जन्म 7130 वर्ष पूर्व अर्थात 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व हुआ था। उनके अनुसार ऐसी आकाशीय स्थिति तब भी बनी थी। तब 12 बजकर 25 मिनट पर आकाश में ऐसा ही दृष्य था जो कि वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण आज भी में वर्णित है।
अंततः श्रीराम जी की सही–सही जन्म तारीख आज तय नहीं हो पाई है। वैज्ञानिक आज कुछ कहते है, तो कल कुछ और कहते है। अगर वैज्ञानिकों को छोड़ दिया जाय और वेद पुराणों में लिखी हुई बातों को माने तो, भगवान श्रीराम जी का जन्म आज से लगभग 880100 वर्ष पहले हुआ था।
अभी तक के लिए इतना ही, यह लेख यही पर समाप्त करके आपसे हाथ जोड़कर विदा लेता हूं। फिर मिलेंगे आपसे अगले अध्याय में।🙏
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अपना किमती समय निकालकर यह आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। 🙏