ब्रेज़ेन बुल 570–554 BC ईसा पूर्व इतिहास की सबसे क्रूर यातना ।


ब्रेज़ेन बैल क्या है, तो आपको अधिक जानकारी के लिए बता दूं की यह 570–554 BC ईसा पूर्व प्राचीन ग्रीस में अपराध में दोषी पाए गए व्यक्ति को सजा देने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक मृत्यु उपकरण था, यह बैल कांसे से बने होते थे, बैल की एक खोखली कांसे की प्रतिमा होती थी जिसका द्वार उसके पेट की तरफ से खुलता था दरवाजे की भांति। और ऐसी सजा के बारे में सुनकर ही इंसान की रूह कांप जाती थी।

अपराधी को सजा देने की विधि कैसी होती थी।

दोषी अपराधी को सजा देने के लिए उसे निर्वस्त्र करके अथवा उसके शरीर पर कम से कम कपड़ों के साथ कांसे से बने खोखले बैल के ढांचे में जबरदस्ती डाल दिया जाता था, और फिर बैल के पेट में बने दरवाजे को बंद करके उन पर ताला जड़ दिया जाता था। यह सब प्रक्रिया हो जाने के बाद कांसे से बने बैल के नीचे सैनिकों द्वारा आग जला दी जाती थी।
उससे वह आग उस पीड़ित को जीवित रूप में ही जला देती थी। पीड़ित व्यक्ति की दर्दभरी चीखें बैल में बनी विशेष नलियों के जरिए एक श्रृंखला से होकर गुज़रती थी, जो बैल की नथुनी से होते हुए निकलती थी और उस समय जो उस व्यक्ति की चीखने की आवाज़ निकलती थी, वह बहुत ही मधुर तरह की होती थी। जिसका वह क्रूर शासक आनंद उठाते थे। कथित तौर पर, बैल के नाक से उत्पन्न होने वाले धुएं का इस्तेमाल अगरबत्ती की तरह किया जाता था। क्यों की उसमे बदबू की जगह सुगंध निकलती थी, इस सुगंध निकलने की वजह यह थी कि उस बैल की नाक में परफ्यूम रखा जाता था।

इसका पहला शिकार भी कुछ दिलचस्प है,इस ब्रेजेन बैल का आविष्कार करने वाला ही उसका पहला शिकार कैसे बना ?
जैसे एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी की "जो दूसरो के लिए गड्ढा खोदता है, एक दिन वही उसमे गिरता है।"उसी प्रकार यह कहावत भी उस कांसे के ब्रेजेन बैल बनाने वाले आविष्कारक पेरिलोस के ऊपर सटीक बैठती है। क्योंकि यह वास्तव में वह व्यक्ति था जिसने उसे बनाया था। असल में, इसे बनाने वाला व्यक्ति पेरिलोस अपने राजा को प्रसन्न करने के लिए जब राजा के पास गया और बताया कि मैंने एक कांसे का बैल बनाया है, और इसका क्या उपयोग है, यह सब राजा को विस्तार पूर्वक बताने लगा।

उस समय राजा के मन में एक सवाल आया की आखिरकार क्यों ना इसका सीधा प्रसारण देखा जाय की यह वास्तव में काम कैसे करता है, इसलिए राजा उसे अपनी प्रजा के समक्ष प्रदर्शित करना चाहता था, इसलिए राजा ने उसे बनाने वाले व्यक्ति यानी पेरिलोस को उसके अंदर डालकर उस बैल का दरवाजा बंद करवा दिया। और बंद करवाने के बाद उसके नीचे आग जला दी, और आग लगाने पर वह जोर–जोर से चीखने चिल्लाने लगा इस तरह राजा ने उसकी चीखें सुनी और क्रूर मौत का अविष्कारक हीं इसका पहला शिकार बना।

इसलिए इसे इतिहास का सबसे क्रूर मौत देने वाले यंत्रों में से एक माना जाता है। इसका उल्लेख इतिहास और "Diodorus siculus" की एक book में भी पाया गया है।

इतिहाकारो के मुताबिक ऐसा कहा जाता ही,की जब वह राजा राजगद्दी पर से उतरा तब उसको भी उसी ब्रेजेन बुल के अंदर डालकर मार दिया गया था, जिस प्रकार से वह दूसरो को मारता था।

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