मनुष्य के ब्लड ग्रुप अलग-अलग क्यों होते हैं ?


दुनिया के कुछ सुने,अनसुने अथवा अनसुलझे रहस्य हैं?

दुनिया के कुछ सुने और अनसुने अथवा अनसुलझे ऐसे रहस्य है, जिसका अभी तक हमारे विज्ञान और विज्ञानिको ने चाहे जितनी ही तरक्की कर ली है, भले ही आज इंसान चांद पर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी हमारी दुनिया बहुत से ऐसे अनसुने अनसुलझे रहस्यों से भरी पड़ी हुई है, की जिन्हें अभी तक सुलझाना बाकी है या सुलझाना नामुमकिन सा है। आइए जान लेते हैं, ऐसे ही एक रहस्य के बारे में।


सभी ह्यूमन का रक्त दिखने में एक जैसा ही लाल दिखते है। पर मुख्य रूप से हमारे रक्त 4 प्रकार के होते है। ब्लड ग्रुप की खोज वर्ष 1901 में एक ऑस्ट्रियाई वैज्ञानिक जिनका नाम "कार्ल लैंडस्टीनर" था उन्होंने की थी, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। जिसको ABO Blood Groups सिस्टम कहा जाता है।

वैसे तो दुनिया का हर कोई इंसान यह जानता है, कि हर एक मनुष्य के ब्लड ग्रुप अलग-अलग होते हैं, यहा तक की एक ही परिवार के लोगो का ब्लड ग्रुप एक समान नही होता है, कभी कभी मां बाप का भी ब्लड ग्रुप अपने बच्चो से नही मिलता। 

लेकिन आज तक कोई यह नहीं जान पाया कि आखिर ऐसा क्यों है ? देखने में तो सभी का खून एक ही रंग यानी लाल रंग का होता है। 


आज तक दुनिया के बहुत से वैज्ञानिकों ने इस पर बहुत रिसर्च की और जानने का प्रयास किया की ऐसा क्यों होता है। लेकिन अभी तक यह अपने आपमें एक अनसुलझा रहस्य ही बना हुआ है। Untold Story.

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