दोस्तो यह दुनिया Myth of technology की दुनिया है! आज भी लोगो में Technology से सम्बन्धित बहुत सारी गलतफहमियां है, हाला की आज भी इन मिथकों को दूर करने के लिए, बहुत कोशिश की जा रही लेकिन लोग हैं की समझने को तैयार नहीं हैं। क्यों की कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लोगो के मन में गलत धारणा घर कर गई है।
आज ऐसे ही कुछ अजीब गरीब मिथकों के बारें आपको इस छोटे से लेख के जरिए जानकारी दूंगा।
Myth-1: क्या आप जानते है, की कैमरे के ज्यादा मेगापिक्सल का मतलब ज्यादा अच्छी तस्वीरें निकलना लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह सिर्फ एक myth हैं। क्यों की एक अच्छी फोटोग्राफी के लिए अच्छी तस्वीर सिर्फ आपके कैमरे के मेगापिक्सल की संख्या पर ही निर्भर नहीं करती है। एक अच्छी क्वालिटी की तस्वीर के पीछे कैमरा के अन्य भागों का योगदान रहता है। उदाहरण के तौर पर जैसे: सेंसर, सर्किट, लेन्स लाइट इत्यादि कई अन्य उपकरणों का भी समावेश होता हैं।
Myth-2: क्या लैपटॉप के उपयोग से आप नामर्द हो जाएंगे। जवाब है, नही यह सिर्फ और सिर्फ मनुष्य का मन का एक भ्रम यानी myth हैं। वैज्ञानिक और इंजीनियरो द्वारा लैपटॉप, मोबाइल फोन और वाय फाय पर पुरूषों की फर्टीलिटी संबंधीत कई सभी अध्ययन किए जा चुके हैं। हालांकि, basic तौर पर विज्ञान ने हमें बताया है, कि लैपटॉप इस्तेमाल में कोई समस्या नहीं है, लेकिन उसका इस्तेमाल टेबल पर रखकर करना चाहिए क्यों इस्तेमाल करते समय उसमे हीट पैदा होती है। इसलिए, अधिक समय तक अपनी गोद में कुछ भी गर्म रखना से बचना ही अच्छा होता है। नही तो उसका असर पुरुषो के अंडकोष पर भी हो सकता, लेकिन नपुंसक बिल्कुल नही। This is a Myth.
Myth-3: कंप्यूटर पर ब्राउजिंग करते समय आपने यह तो कहीं ना कहीं सुना होगा कि आपकी ब्राउजिंग safe नहीं है। और यह भी सुना ही होगा कि अगर आप Browser के Incognito Browsing से आपके कंप्यूटर की गतिविधियों का पता दूसरों को नहीं चलता तो यह सभी झूठ है। आप कौन सी वेबसाइट पर कितने बजे गए हैं। और उसपर क्या search किया है यह सभी जानकारी आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और उस वेबसाइट को हमेशा पता रहटी है। इसलिए आज एक पुराना गाना याद गया "बाबूजी धीरे चलना बड़े धोखे है इस राह में" और यही गाना Incognito Browsing पर भी सटीक बैठता है। और यह बात Technology की एक Myth हैं।
Myth-4: मोबाइल में ज्यादा सिग्नल दांडी का मतलब ज्यादा कनेक्टिविटी तो यह एक Myth हैं। ऐसा कुछ नहीं है। अगर आपके मोबाइल के सिंगनल में सिर्फ एक ही दांडी बची हैं तब पर भी आप किसी से भी अच्छे से बात कर सकते है।
Myth-5: अपने फोन की बैटरी जब पूरी उतर जाए तभी मोबाइल को चार्ज करना चाहिए लेकिन यह बात भी एक Myth है। पहले लोग इंतजार करते थे बैटरी के 8 से 10 % तक बचने का और फिर उसे फुल चार्ज करते थे. लेकिन ये सिर्फ उस समय के Nickel Cadmium बैटरी पर लागू होता था। आज के जमाने के मोबाइल में Lithium ion बैटरियों का इस्तेमाल होता है। इसलिए आप कभी भी अपने मोबाईल फोन की बैटरी को बेझिझक चार्ज कर सकते हो।
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