फ्लाइट एमएच 370 यह हवाई जहाज दिनांक: 8 मार्च सन 2014 को कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए अपने तय समय पर उड़ान भरकर अपने गंतव्य स्थान पर न पहुंचकर, हिंद महासागर के ऊपर लापता हो जाता है । इस जहाज को खोजने के लिए सम्पूर्ण विश्व की एजेंसियां लगीं हुई थी।
लेकिन कोई भी आज तक उसे ढूंढ नहीं पाया। जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि उस विमान को एलियंस उठा ले गये। उस विमान में कुल 239 यात्री सवार थे। उन सब यात्रियों का क्या हुआ यह अब तक अपने आपने एक रहस्य बना हुआ है।
हाला की यह विमान आज तक कभी नहीं मिला, और ना ही इसे कभी किसने देखा। लेकिन कई देशों में इस विमान का कुछ मलबा मिला है। मॉरिशस, मैडगास्कर, तंजानिया और दक्षिण अफ्रीका के समुद्र में से विमान का कुछ मलबा मिला है, पिछले साल के अगस्त महीने में खोजकर्ताओं को साउथ अफ्रीका से प्लेन के विंग का एक टुकड़ा बरामद हुआ इसके बाद से खोजकर्ताओं ने नए सिरे से खोज शुरू की।
पिछले चार साल से कुछ अंतरराष्ट्रीय टीमें MH 370 को तलाशने की कोशिश में जी जान से लगी हुई हैं। और एक रिपोर्ट के मुताबिक इस खोज अभियान में अभी तक कुल 200 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करंसी में करीब 1460 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। और अब तक उस विमान या उसके मलबे को कुल 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ढूंढा जा चुका है।
आज तक उस विमान का कुछ भी सही सही पता नही चल पाया है, और अपने आपने एक रहस्य बना हुआ है।
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